एक सर्वे के मुताबिक भारत में हर 10 में से एक व्यक्ति थायराइड से पीड़ित है लेकिन अधिकतर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती कि उन्हें थायराइड है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसको लोग गंभीरता से नहीं लेते लेकिन इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि सही समय पर इसका इलाज ना होने के कारण शरीर को इससे काफी हानि हो सकती है. इस बीमारी को 'silent killer' के नाम से भी जाना जाता है.
इसलिए इस पोस्ट में थायराइड से जुड़ी अहम जानकारी बताई गई है जैसे कि थायराइड क्या है, यह कैसे होता है और थायराइड के लक्षण क्या है, symptoms of thyroid in Hindi जिससे आप इस रोग की पहचान कर सकते हैं.
थायराइड एक ग्रंथि है जो गर्दन के निचले हिस्से में होती है. इसका आकार तितली के सामान होता है. यह ग्रंथि एक harmone बनाती है जिसको thyroxine कहते है. यह harmone हमारे शरीर में बहुत सारे महत्वपूर्ण काम करता है जैसे कि पाचन प्रणाली को कण्ट्रोल करना, शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित करना, शरीर में प्रोटीन के उत्पादन को कण्ट्रोल करना और दूसरे harmones के प्रति संवेदनशीलता को कण्ट्रोल करना.
Thyroxine harmone हमारे शरीर के सभी हिस्सों पर असर डालता है जैसे कि हार्ट, लिवर, किडनी आदि. हमारे शरीर का कोई भी हिस्सा इससे अशूता नहीं है. इस प्रकार यह harmone हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण harmone है.
थायराइड ग्रंथि दो तरह के हार्मोन बनाती है एक है T3 जिसको tri-iodothyronine कहते है और दूसरा है T4 जिसको thyroxine कहा जाता है. जब इन दोनों harmones का संतुलन बिगड़ जाता है या थायराइड ग्रंथि इन्हें सही से नहीं बना पाती तो शरीर में उत्पन्न हुई उस अवस्था को थायराइड की बीमारी कहा जाता है.
थायराइड दो प्रकार का होता है
1. Hyperthyroidism
2. Hypothyroidism
1. Hyperthyroidism:- यह वो अवस्था है जब थायराइड ग्रंथि जरुरत से अधिक मात्रा में हार्मोन पैदा करती है.
2. Hypothyroidism:- हाइपोथायरायडिज्म वो अवस्था है जिसमें थायराइड ग्रंथि जरुरत से कम हार्मोन पैदा करती है.
ये दोनों अवस्थाएं शरीर में थायराइड से उत्पन्न होने वाले harmones का संतुलन बिगड़ने का परिचायक है जिससे शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते है.
अगर सही समय पर थायराइड की पहचान ना की जाए तो इससे हमारे शरीर को नुकसान होता है. इसलिए इस समस्या को आप नीचे बताए गए लक्षणों से पहचान सकते है
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना
शरीर में थायराइड की समस्या उत्पन्न होने के बाद व्यक्ति के शरीर की immunity अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिसके कारण रोगी बड़ी आसानी से जुकाम, खांसी, बुखार आदि जैसे संक्रमण रोगों का शिकार हो जाता है. अधिकांश जब मौसम बदलता है इस तरह की समस्या तब देखने को मिलती है.
2. थकावट महसूस होना
थायराइड की समस्या के कारण व्यक्ति थोड़ा सा काम करने, चलने फिरने आदि जैसी शारीरक क्रियाओं से ही थकावट महसूस करने लगता है कहने का तात्पर्य यह है कि थायराइड के रोगी के शरीर में ऊर्जा की कमी रहती है.
3. डिप्रेशन का शिकार होना
शरीर में harmones का संतुलन बिगड़ने के बाद व्यक्ति डिप्रेशन जैसे मानसिक रोग का शिकार हो जाता है.
4. जोड़ो का दर्द होना
थायराइड की समस्या पैदा होने के बाद व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है जिसके परिणामस्वरूप हड्डियां कमजोर हो जाती है और व्यक्ति जोड़ो के दर्द जैसी समस्या का शिकार हो जाता है.
5. याददाश्त कमजोर होना
थायराइड का सही समय पर इलाज ना करवाने के कारण व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है. ऐसी स्थिति शरीर में लगातार harmones के असंतुलन बना रहने के कारण उत्पन्न होती है.
6. बाल झड़ना
बालों की मजबूती के लिए प्रोटीन हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक अहम तत्व होता है, थायराइड के रोगी के शरीर में प्रोटीन की कमी आ जाती है जिसके कारण बाल झड़ने लगते है. गौरतलब है कि यह समस्या अपनी खुराक में प्रोटीन युक्त भोजन शामिल करने से भी नहीं जाती क्योंकि शरीर खुराक से भी प्रोटीन बनाने योग्य नहीं रहता अर्थात शरीर में protein synthesis की प्रक्रिया कम हो जाती है.
7. वजन बढ़ना
थायराइड का रोगी वजन बढ़ने की वजह से मोटापे का शिकार हो जाता है. यही नहीं मोटापे के एलावा शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बढ़ जाती है जिसकी वजह से हृदय रोग पैदा होने का खतरा भी बना रहता है.
इन सभी लक्षणों के एलावा थायराइड के रोगी में त्वचा का खुश्क होना, बहुत अधिक नींद आना, दिल की धड़कन अनियमित हो जाना, कब्ज रहना, हाथ पैर ठंडे रहना एवं अक्सर जुकाम रहना आदि जैसे लक्षण देखने को मिलते है.
1. थायराइड का मुख्य कारण आजकल की बीजी और तनावपूर्ण जीवन शैली है.
2. गलत खान पान की वजह से भी थायराइड की समस्या हो जाती है. खाने में आयोडीन की बहुत अधिक एवं कम मात्रा लेने से भी यह रोग उत्पन्न हो जाता है.
3. बहुत अधिक तनाव में रहना एवं दवाईयों के दुष्परिणाम (side-effects) भी इस रोग का कारण बनते हैं.
4. यह रोग हेरिडिटरी भी होता है कहने का तात्पर्य यदि आपके परिवार जैसे कि माता पिता या दादा-दादी को यह समस्या है तो आपको भी यह रोग होने की संभावना रहती है.
थायराइड की समस्या होने पर बादाम और अखरोट खाने से बहुत फायदा मिलता है क्योंकि इन दोनों में सेलेनियम नाम का पदार्थ होता है जो इस बीमारी को ठीक करने की क्षमता रखता है. एक अखरोट में पांच माइक्रोग्राम सेलेनियम पाया जाता है.
थायराइड के मरीज को तला हुआ भोजन और चीनी नहीं खानी चाहिए. कॉफी का सेवन जितना हो सके उतना कम करना चाहिए. सब्जियों में ब्रोकली और बंद गोभी का सेवन भी बंद कर देना चाहिए. इसके एलावा जिन पदार्थों में ग्लूटन की अधिक मात्रा पाई जाती हो उनका सेवन भी बंद कर देना चाहिए.
ये थे symptoms of thyroid in Hindi मतलब थायराइड के लक्षण एवं इससे जुड़ी पूरी जानकारी. 30-40 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को साल में कम से कम एक बार अपने खून की जाँच जरूर करानी चाहिए और अगर उसमें थायराइड की समस्या नज़र आती है तो उसका इलाज समय रहते जरूर करवाना चाहिए नहीं तो इस एक समस्या से शरीर में कई तरह के रोग पैदा हो सकते है.
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Symptoms of thyroid in Hindi |
इसलिए इस पोस्ट में थायराइड से जुड़ी अहम जानकारी बताई गई है जैसे कि थायराइड क्या है, यह कैसे होता है और थायराइड के लक्षण क्या है, symptoms of thyroid in Hindi जिससे आप इस रोग की पहचान कर सकते हैं.
थायराइड क्या है
थायराइड एक ग्रंथि है जो गर्दन के निचले हिस्से में होती है. इसका आकार तितली के सामान होता है. यह ग्रंथि एक harmone बनाती है जिसको thyroxine कहते है. यह harmone हमारे शरीर में बहुत सारे महत्वपूर्ण काम करता है जैसे कि पाचन प्रणाली को कण्ट्रोल करना, शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित करना, शरीर में प्रोटीन के उत्पादन को कण्ट्रोल करना और दूसरे harmones के प्रति संवेदनशीलता को कण्ट्रोल करना.
Thyroxine harmone हमारे शरीर के सभी हिस्सों पर असर डालता है जैसे कि हार्ट, लिवर, किडनी आदि. हमारे शरीर का कोई भी हिस्सा इससे अशूता नहीं है. इस प्रकार यह harmone हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण harmone है.
थायराइड ग्रंथि कौनसा हार्मोन बनाती है?
थायराइड ग्रंथि दो तरह के हार्मोन बनाती है एक है T3 जिसको tri-iodothyronine कहते है और दूसरा है T4 जिसको thyroxine कहा जाता है. जब इन दोनों harmones का संतुलन बिगड़ जाता है या थायराइड ग्रंथि इन्हें सही से नहीं बना पाती तो शरीर में उत्पन्न हुई उस अवस्था को थायराइड की बीमारी कहा जाता है.
Types of thyroid in Hindi
थायराइड दो प्रकार का होता है
1. Hyperthyroidism
2. Hypothyroidism
1. Hyperthyroidism:- यह वो अवस्था है जब थायराइड ग्रंथि जरुरत से अधिक मात्रा में हार्मोन पैदा करती है.
2. Hypothyroidism:- हाइपोथायरायडिज्म वो अवस्था है जिसमें थायराइड ग्रंथि जरुरत से कम हार्मोन पैदा करती है.
ये दोनों अवस्थाएं शरीर में थायराइड से उत्पन्न होने वाले harmones का संतुलन बिगड़ने का परिचायक है जिससे शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते है.
Symptoms of thyroid in Hindi
अगर सही समय पर थायराइड की पहचान ना की जाए तो इससे हमारे शरीर को नुकसान होता है. इसलिए इस समस्या को आप नीचे बताए गए लक्षणों से पहचान सकते है
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना
शरीर में थायराइड की समस्या उत्पन्न होने के बाद व्यक्ति के शरीर की immunity अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिसके कारण रोगी बड़ी आसानी से जुकाम, खांसी, बुखार आदि जैसे संक्रमण रोगों का शिकार हो जाता है. अधिकांश जब मौसम बदलता है इस तरह की समस्या तब देखने को मिलती है.
2. थकावट महसूस होना
थायराइड की समस्या के कारण व्यक्ति थोड़ा सा काम करने, चलने फिरने आदि जैसी शारीरक क्रियाओं से ही थकावट महसूस करने लगता है कहने का तात्पर्य यह है कि थायराइड के रोगी के शरीर में ऊर्जा की कमी रहती है.
3. डिप्रेशन का शिकार होना
शरीर में harmones का संतुलन बिगड़ने के बाद व्यक्ति डिप्रेशन जैसे मानसिक रोग का शिकार हो जाता है.
4. जोड़ो का दर्द होना
थायराइड की समस्या पैदा होने के बाद व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है जिसके परिणामस्वरूप हड्डियां कमजोर हो जाती है और व्यक्ति जोड़ो के दर्द जैसी समस्या का शिकार हो जाता है.
5. याददाश्त कमजोर होना
थायराइड का सही समय पर इलाज ना करवाने के कारण व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है. ऐसी स्थिति शरीर में लगातार harmones के असंतुलन बना रहने के कारण उत्पन्न होती है.
6. बाल झड़ना
बालों की मजबूती के लिए प्रोटीन हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक अहम तत्व होता है, थायराइड के रोगी के शरीर में प्रोटीन की कमी आ जाती है जिसके कारण बाल झड़ने लगते है. गौरतलब है कि यह समस्या अपनी खुराक में प्रोटीन युक्त भोजन शामिल करने से भी नहीं जाती क्योंकि शरीर खुराक से भी प्रोटीन बनाने योग्य नहीं रहता अर्थात शरीर में protein synthesis की प्रक्रिया कम हो जाती है.
7. वजन बढ़ना
थायराइड का रोगी वजन बढ़ने की वजह से मोटापे का शिकार हो जाता है. यही नहीं मोटापे के एलावा शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बढ़ जाती है जिसकी वजह से हृदय रोग पैदा होने का खतरा भी बना रहता है.
इन सभी लक्षणों के एलावा थायराइड के रोगी में त्वचा का खुश्क होना, बहुत अधिक नींद आना, दिल की धड़कन अनियमित हो जाना, कब्ज रहना, हाथ पैर ठंडे रहना एवं अक्सर जुकाम रहना आदि जैसे लक्षण देखने को मिलते है.
थायराइड के कारण
1. थायराइड का मुख्य कारण आजकल की बीजी और तनावपूर्ण जीवन शैली है.
2. गलत खान पान की वजह से भी थायराइड की समस्या हो जाती है. खाने में आयोडीन की बहुत अधिक एवं कम मात्रा लेने से भी यह रोग उत्पन्न हो जाता है.
3. बहुत अधिक तनाव में रहना एवं दवाईयों के दुष्परिणाम (side-effects) भी इस रोग का कारण बनते हैं.
4. यह रोग हेरिडिटरी भी होता है कहने का तात्पर्य यदि आपके परिवार जैसे कि माता पिता या दादा-दादी को यह समस्या है तो आपको भी यह रोग होने की संभावना रहती है.
थायराइड का रामबाण इलाज
थायराइड की समस्या होने पर बादाम और अखरोट खाने से बहुत फायदा मिलता है क्योंकि इन दोनों में सेलेनियम नाम का पदार्थ होता है जो इस बीमारी को ठीक करने की क्षमता रखता है. एक अखरोट में पांच माइक्रोग्राम सेलेनियम पाया जाता है.
थायराइड के मरीज को तला हुआ भोजन और चीनी नहीं खानी चाहिए. कॉफी का सेवन जितना हो सके उतना कम करना चाहिए. सब्जियों में ब्रोकली और बंद गोभी का सेवन भी बंद कर देना चाहिए. इसके एलावा जिन पदार्थों में ग्लूटन की अधिक मात्रा पाई जाती हो उनका सेवन भी बंद कर देना चाहिए.
निष्कर्ष
ये थे symptoms of thyroid in Hindi मतलब थायराइड के लक्षण एवं इससे जुड़ी पूरी जानकारी. 30-40 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को साल में कम से कम एक बार अपने खून की जाँच जरूर करानी चाहिए और अगर उसमें थायराइड की समस्या नज़र आती है तो उसका इलाज समय रहते जरूर करवाना चाहिए नहीं तो इस एक समस्या से शरीर में कई तरह के रोग पैदा हो सकते है.
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